Friday, July 15, 2011

एक ऐसा हिंदुस्तान बनाओ


अपनी अपनी बातें छोड़ो ,
मुल्क को ईमान बनाओ
बिहार - यूपी बम्बई भी हो
एक ऐसा हिंदुस्तान बनाओ |

जात- धर्म में रखा है क्या
एक के खून का रंग लाल,
दूजे का रंग काला है क्या ?
ऊपर वाले ने जब न बांटा ,
तुम क्यों ये दहलीज़ बनाओ ?

मंदिर क्या और मस्जिद क्या
गिरजा - गुरुद्वारा में है क्या ?
अपने मन में क्यों न तुम
प्रेम के ही दीपक जलाओ ?
मौला का भी नाम हो जिसमे ,
गीता का भी ज्ञान हो उसमे ,
साहिब और कुरान हो जिसमे
मन को ऐसा एक धाम बनाओ |

प्यार की बातें हो अपने से ,
गद्दारों के लिए चिंगारी भी हो
झूठे संतरी , मंत्री लोगो संग
तुम न उनके राग लगाओ
मुह काला लेके घुमे वोह ,
ऐसी सब एकता आज दिखाओ
गम नहीं , ग़र इनके खात्मे को
तुम जनरल डायर बन जाओ |

ऐसी स्वर्ण वंदना करो देश की ,
'बिस्मिल' आज फिर झूम जाये
देश प्रेम की ऐसी आंधी लाओ
की तुम सुभाष-भगत कहलाओ |

आओ सब मिल जुलकर
एक ऐसा हिंदुस्तान बनाओ ||