तस्वीर के सामने तेरे हम कभी सर रख कर सो जाते
ऐसे ही न जाने हमारे कितने दिन गुजर जाते
प्यार जताने का हमे इल्म ना था वरना
इस तरह लुटाते की अमर हो जाते
देखना ही था अगर मेरी आवारगी का आलम
बोल देती, लहू बनके तेरे रगों में उतर जाते
जाना ही था तुझे तो, आंख मिला के तो जाते
मेरी आँखों में ,दिल के जख्म तो तुझे नजर आते
achchha prayas hai, jari rakhiye.
ReplyDelete------------------------------------"VISHAL"
प्यार जताने का हमे इल्म ना था वरना
ReplyDeleteइस तरह लुटाते की अमर हो जाते
देखना ही था अगर मेरी आवारगी का आलम
बोल देती, लहू बनके तेरे रगों में उतर जाते
बहुत ही खुबसूरत ग़ज़ल, बेहतरीन लिखा है
ये दोनों ही शेर अच्छे हैं
dhanywad vishal and digambar ji
ReplyDeletebahut bahut dhanyawad sangeeta ji
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteभावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
अच्छी रचना ....आपका और आपके ब्लॉग का स्वागत है ..
ReplyDeleteअनिल कान्त
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
Really very nice feeling sir
ReplyDeletethis is your real life story??
inayat bhee yahan sajis hai ahsaan jatane ko,jo khud ko bhul jaye aisa mila na koi. narayan narayan
ReplyDeletenaradmuni ji aapki baatein samaj nai aayi mujhe
ReplyDeletewo shaam kabhi to aayegi bas itezaar kijiye
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