किया जिसने बदनाम हमे इन् तंग गलियों में, आज उनकी इज्ज़त ढकने को दो टुकड़े लाज कहाँ से लाऊं
अफ़सोस कर रहे वो मेरे सहारे की खोज में , दे सकूँ उनको भरोसा वो अलफ़ाज़ और आवाज कहाँ से लाऊं !!
अफ़सोस कर रहे वो मेरे सहारे की खोज में , दे सकूँ उनको भरोसा वो अलफ़ाज़ और आवाज कहाँ से लाऊं !!
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